PM Vishwakarma Yojana सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जो पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को वित्तीय सहायता, स्किल ट्रेनिंग और लोन दिया जाता है। लेकिन कई लोगों के मन में सवाल है कि इस योजना के तहत पैसा कब मिलेगा? इस लेख में हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
योजना का संक्षिप्त विवरण
योजना का नाम | पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) |
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लॉन्च डेट | 17 सितंबर 2023 |
उद्देश्य | कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता व स्किल ट्रेनिंग प्रदान करना |
लाभ | ट्रेनिंग, टूलकिट, सर्टिफिकेट, स्टाइपेंड और सस्ते लोन |
पहली किस्त कितनी | ₹15,000 टूलकिट के लिए |
लोन की राशि | ₹1 लाख (पहली किस्त) और ₹2 लाख (दूसरी किस्त) |
ब्याज दर | 5% (सरकारी सब्सिडी के साथ) |
पैसा कब मिलेगा | अप्रूवल के बाद 30-60 दिनों में |
आधिकारिक वेबसाइट | www.pmvishwakarma.gov.in |
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पैसा कब मिलेगा?
इस योजना में लाभार्थियों को अलग-अलग चरणों में पैसा मिलता है। इसमें पहले टूलकिट के लिए ₹15,000, फिर ट्रेनिंग के दौरान ₹500 प्रतिदिन स्टाइपेंड और उसके बाद लोन दिया जाता है।
1. टूलकिट सहायता राशि (₹15,000)
- आवेदन के अप्रूवल के बाद टूलकिट खरीदने के लिए ₹15,000 मिलते हैं।
- यह राशि डायरेक्ट बैंक खाते में नहीं आती बल्कि रिइंबर्समेंट के रूप में मिलती है।
- आवेदक को पहले टूल खरीदना होगा और बिल जमा करने पर यह पैसा मिलेगा।
- आमतौर पर आवेदन अप्रूवल के 30-45 दिन के भीतर यह राशि दी जाती है।
2. ट्रेनिंग स्टाइपेंड (₹500 प्रतिदिन)
- कारीगरों को 5-7 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है।
- ट्रेनिंग में शामिल होने वालों को ₹500 प्रतिदिन का स्टाइपेंड मिलता है।
- यह पैसा ट्रेनिंग खत्म होने के 15-20 दिनों के भीतर बैंक खाते में भेजा जाता है।
3. बिजनेस लोन (₹1 लाख और ₹2 लाख)
- पहली बार ₹1 लाख का लोन दिया जाता है, जिसे 18 महीने में चुकाना होता है।
- लोन अप्रूवल के बाद 30-60 दिनों में पैसा बैंक खाते में आ जाता है।
- दूसरी बार ₹2 लाख का लोन चुकाने पर ही अगली किस्त मिलती है।
पैसा मिलने में देरी क्यों हो सकती है?
- दस्तावेजों की कमी: अगर आवेदन में कोई दस्तावेज अधूरा है तो अप्रूवल में समय लग सकता है।
- बैंक प्रोसेसिंग में देरी: लोन अप्रूवल के बाद बैंक की प्रक्रिया पूरी होने में 30-45 दिन लग सकते हैं।
- अधिकारिक वेरिफिकेशन: सरकार लाभार्थियों का वेरिफिकेशन करती है, जिससे कभी-कभी समय लग सकता है।
- तकनीकी समस्याएं: बैंक खाते में लिंक किए गए आधार और अन्य जानकारी गलत होने से ट्रांजेक्शन में देरी हो सकती है।
PM Vishwakarma Yojana के लिए आवेदन प्रक्रिया
- रजिस्ट्रेशन:
- आधिकारिक वेबसाइट www.pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
- आवेदन फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
- रजिस्ट्रेशन सबमिट करने के बाद आवेदन की स्थिति चेक कर सकते हैं।
- वेरिफिकेशन और अप्रूवल:
- आवेदन करने के बाद स्थानीय प्रशासन और बैंक वेरिफिकेशन करेंगे।
- सभी डॉक्यूमेंट सही पाए जाने के बाद आवेदन स्वीकृत होगा।
- पैसे की प्राप्ति:
- सबसे पहले ₹15,000 टूलकिट सहायता मिलेगी।
- ट्रेनिंग के दौरान ₹500 प्रतिदिन स्टाइपेंड मिलेगा।
- लोन स्वीकृति के बाद ₹1 लाख की पहली किस्त बैंक खाते में आएगी।
जरूरी बातें जो हर लाभार्थी को जाननी चाहिए
- आवेदन फॉर्म भरते समय बैंक अकाउंट और आधार कार्ड की जानकारी सही भरें।
- पैसा सीधे बैंक अकाउंट में आएगा, किसी भी बिचौलिये को पैसे देने की जरूरत नहीं है।
- लोन समय पर चुकाने से अगली बार ₹2 लाख तक का लोन मिलेगा।
- अगर पैसा आने में देरी हो रही है, तो बैंक या लोकल अधिकारी से संपर्क करें।
- योजना का लाभ केवल पारंपरिक कारीगरों को मिलेगा, जैसे कि बढ़ई, कुम्हार, सुनार, मोची, लोहार आदि।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. पीएम विश्वकर्मा योजना का पैसा कितने दिनों में मिलेगा?
Ans: आवेदन अप्रूवल के 30-60 दिनों के भीतर पैसा बैंक खाते में आ जाता है।
Q2. ₹15,000 टूलकिट का पैसा सीधे बैंक खाते में आएगा?
Ans: नहीं, पहले टूल खरीदना होगा, फिर सरकार द्वारा रीइंबर्समेंट मिलेगा।
Q3. अगर पैसा नहीं आया तो क्या करें?
Ans: बैंक या लोकल प्रशासन से संपर्क करें और अपनी आवेदन स्थिति चेक करें।
Q4. क्या यह लोन माफ होगा?
Ans: नहीं, यह एक बिजनेस लोन है, जिसे चुकाना अनिवार्य है।
Q5. इस योजना में कौन-कौन आवेदन कर सकता है?
Ans: पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार जैसे बढ़ई, कुम्हार, दर्जी, मोची, लोहार, सुनार आदि।
Disclaimer
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। योजना से संबंधित आधिकारिक और नवीनतम जानकारी के लिए सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.pmvishwakarma.gov.in पर विजिट करें। योजना की पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और धनराशि मिलने की समयसीमा सरकार की नीतियों पर निर्भर करती है।